क्या आप Nafrat Shayari ढूंड रहे है? तो सही जगह पर आये है पढ़िए Best Nafrat Shayari in Hindi और शेयर करें Facebook, Whatsapp और Insatgram पर
Contents
Nafrat Shayari

हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे..!!
लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है..!!
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,
नफरत बता रही है तूने इश्क बेमिसाल किया था..!!
उसे नफरत से क्या डराओगे,
जिसे मोहब्बत से ज्यादा नफरत ही मिली हो..!! Nafrat Shayari for Boyfriend
मोहब्बत सच्ची हो तो कभी नफरत नहीं होती हैं,
अगर नफरत होती हैं तो मोहब्बत सच्ची नहीं होती हैं..!!
एक ही अर्ज है बनावटी प्यार न कर मुझसे,
इससे अच्छा तो नफरत कर मगर दिल से कर..!!
उसकी बेवफ़ाई देख कर रहते हैं बेचैन,
उससे नफरत न कर बैठें इस बात से रहते हैं बेचैन..!!
ये ना सोचना के मैं टूट जाऊंगा,
तुझसे दूर रहूँगा, तो चाँद चुम आऊंगा..!!
थे अजीज़ तुम अब जी नहीं भरता,
तुमसे बात करने का अब मन नहीं करता..!!
बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर..!!
Nafrat Shayari in Hindi

कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके..!!
ज़माना वो भी था जब तुम ख़ास थे,
ज़माना ये भी है के तेरा ज़िक्र तक नहीं..!!
वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी..!!
नफरत हो दिल में तो मिलने का मजा नहीं आता है,
वो आज भी मिलता हैं पर दिल कही और छोड़ आता हैं..!!
जब नफरत की बात उठेगी तो सबसे पहला नाम हमारा आएगा,
क्योंकि नफरत करने में हमने रिकॉर्ड जो बना रखे हैं..!!
मेरे नाम से इतनी नफरत करते हैं वो,
नफरत के बहाने से ही सही मेरा नाम तो लेते हैं वो..!! Nafrat Shayari for Girlfriend
नफरतें इश्क़ भी बड़ी की होती है उनसे,
उनसे नफरत दिखता है और दिल ही दिल में प्यार करता है उनसे..!!
मुझे पूरा समझने की चाह में,
लोग बीच में नफरत करने लगते हैं..!!
नफरत करनी हर किसी को नहीं आती,
ये तो बस प्यार में जख्मी लोगों का काम है..!!
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही..!!
Nafrat Wali Shayari

लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है..!!
अगर इतनी ही नफरत है हमसे तो दिल से कुछ ऐसी दुआ करो,
की आज ही तुम्हारी दुआ भी पूरी हो जाये और हमारी ज़िन्दगी भी..!!
सितम जुदाई का हंस कर सहेंगे,
तेरे बिना हम बोहोत खुश रहेंगे..!!
मैं फना हो गया अफसोस वो बदला भी नहीं,
मेरी चाहतें से भी सच्ची रही नफरत उसकी..!!
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने,
सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते..!!
तेरे निशाँ मिटाते चले जाएंगे,
अपने ज़ख्म पे मुस्कुराते चले जाएंगे..!! Khud se Nafrat Shayari
तेरे नाम की सुबह मंज़ूर नहीं,
अब तो तेरे ज़िक्र से भी नफरत होने लगी..!!
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली दोस्तो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते हैं..!!
जब नफरत करते करते थक जाओ,
तब एक मौका प्यार को भी देना..!!
खुदा सलामत रखना उन्हें जो हमसे नफरत करते हैं,
प्यार न सही नफरत ही सही कुछ तो है जो वो हमसे करते हैं..!!
Nafrat Par Shayari

जरूरत है मुझे नये नफरत करने वालों की,
पुराने तो अब मुझे चाहने लगे है..!!
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं..!!
न मोहब्बत संभाली गई, न नफरतें पाली गईं,
अफसोस है उस जिंदगी का, जो तेरे पीछे खाली गई..!!
हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे..!!
नफरतों के बाजार में प्यार बेचते है,
और कीमत में बस दुआ लेते है..!! Zindgi se Nafrat Shayari
भुलाना ही था मुझको तो नफरत का सहारा क्यूँ,
डूबने देते मुझको यूँ ही दिखाया था किनारा क्यूँ..!!
वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी..!!
मोहब्बत भी जबर्दस्त थी और नफरत भी जबर्दस्त है,
जो भी किया जबर्दस्त ही किया है..!!
मोहब्बत के बदले नफरत मिले तो कोई गम नहीं,
क्योंकि मोहब्बत को पाने के लिए यहाँ लोग भी कम नहीं..!!
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है..!!
Nafrat Bhari Shayari

हाँ हमे रंग बदलना नहीं आता,
लेकिन नफरत तो हम शौक़ से करते हैं..!!
एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,
वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल में होती है..!!
चाह कर भी मुंह फेर नहीं पा रहे हो,
नफरत करते हो या इश्क़ निभा रहे हो..!! Mohabbat Nafrat Shayari
मुझे शिकवा मेरे नफरत करने वालों से नहीं है,
शिकवा तो मुझे मुझसे झूठी मोहब्बत करने वालों से है..!!
हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे..!!
है खबर अच्छी कि आजा मुंह तेरा मीठा करें,
नफरतें तेरी हुई हैं बा-खुशी दिल को कुबूल..!!
बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर..!!
जब से पता चला है की नफरत ही हमारी जिन्दगी का अंजाम है,
तब से हम जिन्दगी को हथेली पर लिए घूमते हैं !!
जरूरत है मुझे नये नफरत करने वालों की,
पुराने तो अब मुझे चाहने लगे है..!!
कुछ जुदा सा है मेरे महबूब का अंदाज,
नजर भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही..!!
Final Words
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