क्या आप Chand Shayari की तलाश में है? तो सही जगह पर आये है पढ़िए Chand Shayari in Hindi और शेयर करें Facebook, Whatsapp और Instagram पर
Chand Par Shayari बहुत सारी है क्योकि भारत में अपने महबूब को भी चाँद समझा जाता है अपने Girlfriend और Boyfriend की तुलना चाँद से की जाती है उसके लिए ही ये Chand Pe Shayari बनी है.
आज हम आपके लिए लेके आये है Chand Ki Shayari और इन Chand Shayari for GF & BF को आप अपने Partner को भी भेज सकते है निच्चे पढ़ कर जरुर बताइए आपको ये Shayari on Moon कैसी लगी.
Chand Shayari

ना चाह कर भी मेरे लब पर ये फ़रियाद आ जाती है,
ऐ चाँद सामने ना आ किसी की याद आ जाती है..!!
चाँद के दीदार में तुम छत पर क्या चली आई,
शहर में ईद की तारीख मुक्कमल हो गयी..!!
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा,
कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा..!!
चाँद का हुस्न भी ज़मीन से है,
चाँद पर चाँदनी नहीं होती..!!
रात फैली है तेरे सुरमई आँचल की तरहा,
चाँद निकला है तुझे ढूढने पागल की तरहा..!!
भीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाता,
चाँद अकेला है तो सब का लगता है..!!
चाँदनी रातों में चिल्लाता फिरा,
चाँद सी जिस ने वो सूरत देख ली..!!
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढते रहे,
चाँद था कि चुपके से मेरे आँगन में उतर आया..!!
चाँद को बैठाकर पहरों पर,
तारों को दिया निगरानी का काम,
एक रात सुहानी आपके लिए,
एक स्वीट सा ड्रीम आपकी आँखों के नाम..!!
ऐ चाँद इतना न चमक हमने भी कई चाँद देखे हैं,
फर्क सिर्फ इतना है की तुम पर तो दाग हैं पर हमने बेदाग़ देखे हैं..!!

मै उसको चाँद कह दू ये मुमकिन तो है,
मगर लोग उसे रात भर देखें ये मुझे गवारा नहीं..!!
आज टूटेगा गुरूर चाँद का देखना दोस्तो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है..!!
इश्क तेरी इन्तेहाँ इश्क मेरी इन्तेहाँ,
तू भी अभी न-तमाम मैं भी अभी न-तमाम..!!
रात को रोज़ डूब जाता है,
चाँद को तैरना सिखाना है मुझे..!!
ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए,
एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए..!!
आसमान और ज़मीं का है फासला हर-चंद,
ऐ सनम दूर ही से चाँद सा मुखड़ा दिखला..!!
चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है,
अक्स किस का है ये इतनी रौशनी पानी में है..!!
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है,
उसपे शबाब का रंग गहरा है,
खुदा को यकीन न था वफ़ा पे,
तभी चाँद पे तारों का पहरा है..!!
बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद,
कोई साजिश छुपा रहा है चाँद..!!
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा,
तो इंतज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं..!!

तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ..!!
एक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक,
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की..!!
उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पर चाँद पूरा था मगर आधा लगा..!!
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,
चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,
मेरी नजर से चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा..!!
चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको,
आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया..!!
मेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में अकेला मैं हजारो में अकेला..!!
दिन में चैन नहीं ना होश है रात में,
खो गया है चाँद भी देखो बादल के आगोश में..!!
सारी रात गुजारी हमने इसी इन्तजार में की,
अब तो चाँद निकलेगा आधी रात में..!!
तुमने खिड़की से चांद देखा था,
मैन खिड़की में चाँद देखा है..!!
आंखो को आंखो से बताई जाती है,
दुनिया से जो बात छुपाई जाती है,
चाँद से पूछो या पूछो मेरे दिल से,
तन्हा कैसे रात बिताई जाती है..!!
Shayari on Moon in Hindi

उसकी ज़िद थी कोई मुझसा दूसरा लाओ,
बड़ी मुश्किल से मै चाँद खींच के लाया हूँ..!!
आज फिर चांद उदास है, आज फिर तारे सोने लगे है,
आज फिर तेरी दी हुई तन्हाई है, आज फिर हम रोने लगे है..!!
क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है..!!
चाँद होता न आसमाँ पे अगर,
हम किसे आप सा हसीं कहते..!!
‘क़मर’ अपने घर उन को मेहमाँ बुला कर,
बिला चाँद के चाँदनी रात कर ली..!!
आज फिर चाँद देर से निकला,
तुम ने फिर देर कर दी आने में..!!
चाँद अपने आप को कहते हो तुम,
आओ देखें हो गई है रात भी..!!
शाम के साए बालिश्तों से नापे हैं,
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में..!!
रात गुमसुम है मगर चांद खामोश नहीं,
कैसे कह दू फिर आज मुझे होश नही,
एसे डूबा हु तेरी आँखों की गहराइयो में आज,
हाथ में शराब है मगर पीने का होश नही..!!
सूरज सितारे चांद मेरे साथ में रहे,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे,
शाखाओ से टूट जाए वो पत्ते नहीं,
तूफानों से कहो अपनी औकात मे रहे..!!

चाँद की खूबसूरती पर एक पहरा दिख रहा है,
आज मुझे चाँद में महबूब का चेहरा दिख रहा है..!!
चाँद को देखूँ तो तेरा चेहरा नजर आता है,
मैं इश्क़ में हूँ इतना तो मुझे समझ में आता है..!!
निगाहें हम दोनों की चाँद की खूबसूरती पर थी,
उनकी आसमान वाले पर और हमारी उन पर..!!
ईद का चाँद तुम ने देख लिया,
चाँद की ईद हो गई होगी..!!
मोहब्बत में दिल मेरा खो गया है,
महबूब मेरा ईद का चाँद हो गया है..!!
देखा हिलाल-ए-ईद तो आया तेरा ख़याल,
वो आसमाँ का चाँद है तू मेरा चाँद है..!!
उस चाँद को बहुत गुरूर हैं कि उसके पास नूर हैं,
मगर वो क्या जाने कि मेरा यार भी कोहिनूर है..!!
चार दिन की चाँदनी शाम के साथ ढल गई,
क्या लेकर आया था इंसान, शरीर के साथ जल गई..!!
तुम कहो तो चाँद तोड़कर रख दू हथेली पर,
दिल करें तो आओ कभी हवेली पर..!!
वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा सो गया था तो क्या हुआ,
अभी मैं ने देखा है चाँद भी किसी शाख़-ए-गुल पे झुका हुआ..!!

सुबह हुई कि छेडने लगता है सूरज मुझको,
कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो..!!
जिन आँखों में काजल बन कर तेरी काली रात,
उन आँखों में आंसू का इक कतरा होगा चाँद..!!
ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए,
मुझे बस तेरी की एक झलक चाहिए..!!
रात में एक टूटता तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था..!!
लोग चाँद तलाशते थे मेरी जेब में,
मैं अक्सर तुम्हारी तस्वीर रखना भूल जाता था..!!
हुआ था शोर पिछली रात को दो चाँद निकले थे,
बताओ क्या ज़रुरत थी तुम्हे छत पर टहलने की..!!
पूछा जो उन से चाँद निकलता है किस तरह,
ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे डाल के झटका दिया कि यूँ..!!
Final Words
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